NEELAM GUPTA

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लेखनी कहानी -30-Nov-2021 भावनाएं

भावनाए ।


जैसे मन के भाव, वैसी चलती है कलम।

बड़े बोल न बोलना ,जब आंखों में हो शर्म।


कद्र करो सब की भावनाओं की ,आहत होती है एक जैसी।

सुख में दुख में सभी की आंखें ,नम होती है एक जैसी।


दिल दुखता है सभी का ,तीखे कड़वे बोलो से।

क्या तेरे क्या मेरे विचार ,नजर न फेरना दूसरे से।


कठिनाइयां सभी की, राहों में आती है।

जो जब साथ निभा दे ,वही दोस्ती कहलाती है ।


भावनाएं दिलों की अभिव्यक्ति का आईना होता है।

क्या सच क्या झूठ तब किसी बात का मोल नहीं होता है। 





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4 Comments

Priyanka Rani

01-Dec-2021 10:15 PM

Nice

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Swati chourasia

30-Nov-2021 10:58 PM

Very beautiful 👌

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Renu Singh"Radhe "

30-Nov-2021 10:07 PM

बहुत खूबसूरत रचना

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NEELAM GUPTA

30-Nov-2021 10:41 PM

आपका बहुत बहुत धन्यवाद जी

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